महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में CBI ने दाखिल की चार्जशीट, आनंद गिरि समेत तीन लोगों को बनाया आरोपी; 25 नवंबर को सुनवाई करेगी CJM कोर्ट
महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में CBI ने दाखिल की चार्जशीट, आनंद गिरि समेत तीन लोगों को बनाया आरोपी
प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई ने जेल में बंद मुख्य आरोपी आनंद गिरि और अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआइ ने लगभग दो महीने तक चली लंबी जांच पड़ताल के बाद शनिवार को सीजेएम कोर्ट में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। मामले में अब तक करीब 152 लोगों से पूछताछ हुई है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 25 नवंबर 2021 की तारीख तय की है। महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को प्रयागराज में अपने आश्रम में मृत पाए गए थे।
58 दिन से जेल में, अब और बढ़ेगी मुश्किल
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालत में मृत्यु मामले में आरोपित आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद इनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कोर्ट आनंद गिरी की जमानत अर्जी को पहले ही खारिज कर चुकी। अब इस मामले की सुनवाई कोर्ट ने सुनवाई के लिए 25 नवंबर 2021 की तारीख तय की है।
सुसाइड नोट में लिखा था महंत ने तीनों का नाम
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत 20 सितंबर को हुई थी। उनका शव प्रयागराज के श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में अतिथि कक्ष के कमरे में पंखे में बंधी रस्सी से लटकता पाया गया था। सेवादारों ने बताया था कि शाम चार बजे तक महंत कमरे से बाहर नहीं आए और आवाज देने पर भी जवाब नहीं दिया तब धक्का देकर दरवाजे को खोला गया था। रस्सी काटकर फंदे से उतारने पर पता चला कि उनकी सांस थम चुकी है। उनके कमरे से आठ पन्ने का दोनों तरफ लिखा हुआ सुसाइड नोट भी मिला था। सुसाइड नोट में महंत ने अपने बरसों पुराने शिष्य आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का जिम्मेदार बताया गया था। सुसाइड नोट के आधार पर ही प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। बाद में सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। सीबीआइ ने करीब दो महीने की जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। तीनों आऱोपित 22 सितंबर को गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं।
वीडियो मिला नहीं, आडियो का बना है राज
महंत ने सुसाइड नोट में लिखा था कि उन्हें पता चला है कि आनंद ने किसी महिला के साथ उनका वीडियो मोबाइल और कम्प्यूटर के जरिए बनाया है जिसे वह वायरल करने वाला है। इस वीडियो के वायरल होने पर उनकी पूरी इज्जत मिट जाएगी। वह अपमान के साथ जी नहीं सकते हैं इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं। मगर 60 दिन बाद भी उस वीडियो का सच सामने नहीं आ सका है। पुलिस को आनंद के मोबाइल से कोई आडियो मिला है जिसकी आवाज मैच करने के लिए कोर्ट से अनुमति लेकर जेल में उसका वायरल सैंपल लिया गया है।